जीवन है एक नदिया
जीवन है एक नदिया
जीवन है इक बहती नदिया
हमको बस बहते जाना रे !
हों कितनी भी टेढ़ी राहें
हमको बस चलते जाना रे !
कितनी भी बाधाएं आयें
चाहे जितना शोर मचायें,
कल निनाद औ प्रचुर वेग से
चलती रहें प्रबल धारायें
कठिन हुए जीवन प्रवाह को
हमको बस सहते जाना रे !
जीवन है ......।
बहुत दूर जाना है हमको
चाहे सब कुछ हो प्रतिकूल,
सतत सहज बढ़ते रहना ही
मानवता का रहे उसूल,
तूफानों से, व्यावधानों से
हमको बस लड़ते जाना रे!
जीवन है.....।
प्रतिद्वंद्वों के कलुषित युग में
युद्ध चल रहा है अविराम,
होड़ लगी आगे बढ़ने की
चारों ओर मचा संग्राम,
कर्मठता की ज्योति जलाकर
हमको बस बढ़ते जाना रे !
जीवन है.....।
प्रस्तर सज्जित जाने कितने
अपने इस विस्तृत जीवन में,
झुक जाते हैं कितने जन मन
जीवन के इस व्यापक रण में।
दुर्गमता की विभीषिका से,
हमको बस बचते जाना रे !
जीवन है एक बहती नदिया,
हमको बस बहते जाना रे !....।