अभिमान है बेटी
अभिमान है बेटी
तेज गति से चलने वाली
घर-घर की पहचान है बेटी,
मां-पापा की राजदुलारी
दोनों की अभिमान है बेटी।
बेटी घर की नेमत है
ख़ुदा की भेजी "रहमत" है,
फूलों सा महकता बाग़ है
सुबह का सुनहरा राग है,
पलकों की छांव में पलने वाली
दादा-दादी की जान है बेटी,
मां-पापा की राजदुलारी
दोनों की अभिमान है बेटी।
बेटियां जिनके पास हैं
वो ख़ुशकिस्मत ख़ास हैं
न उम्मीदों में भी उनको
जीने का अहसास है
सुगंध हवा के झोंकों सी
इक मीठी मुस्कान है बेटी,
मां-पापा की राजदुलारी
दोनों की अभिमान है बेटी।
