अभी कल की बात थी
अभी कल की बात थी
अभी कल की बात थी
वो मिली बड़े दिनों के बाद,
मुस्कुराते हुए बताये उसने
अपने दिल में दबे जज्बात,
यादो के पन्नों को खोलकर
वो खिलखिलाई सुनाते हुए,
चेहरा चमककर सुनाता रहा
लम्हों के पर फैलाये हुए,
आखों की चमक मानो
बारिश की पहली बूंदें
पलक झपकते ही सारी
उड़ गयी मेरी नींदें।