अब्दुल कलाम की वैज्ञानिक सोच
अब्दुल कलाम की वैज्ञानिक सोच
लड़ाकू विमान चालक बनने का शुरुआती प्रयोजन,
परीक्षा में नौवें स्थान पर आने से नहीं हुआ चयन।
भारत रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान,
एयरोस्पेस वैज्ञानिक का पद किया था ग्रहण।
अग्नि, पृथ्वी, नाग मिसाइल का सफल परीक्षण,
भारत के रक्षा तैयारी में अब्दुल का योगदान।
भारत अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान में स्थानांतरण,
एस। एल। वी, पी। एस।एल।वी राकेट का निर्माण।
विक्रम सारा भाई, ब्रह्म प्रकाश, सतिश धवन,
अंतरिक्ष वैज्ञानिको से लिया अंतरिक्ष ज्ञान।
अब्दुल कलाम का देखकर वैज्ञानिक योगदान,
प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहाकर का सम्मान।
अब्दुल का इंडिया-2020 विजन डॉकुमेंट सुप्रसिद्ध लिखान,
भारत को विश्व ज्ञान में सुपर पावर बनाने का अभियान।
भारत का विश्व में हो विश्व गुरु का स्थान,
निम्नलिखित कार्यों को करना पड़ेगा गतिमान।
शिक्षा एवं स्वास्थ्य, सूचना व संचार, खाद्य प्रसंस्करण,
विद्युत शक्ति, सतह परिवहन की आधारिक संरचना।
क्रिटिकल टेक्नालॉजी के लिए आत्मनिर्भर अभियान
इनकी उपलब्धता, सुगमता से विश्व में होगा सर्वोच्च स्थान।
इसलाम धर्म में थी आस्था, अन्य धर्म के प्रति सम्मान,
रोजाना नमाज, रमजान के उपवास, शाकाहारी भोजन।
सभी धर्मों के प्रती अब्दुल की आस्था और अध्ययन,
तमिल, उर्दू, संस्कृत, अंग्रेजी व अन्य का था भाषा ज्ञान।
वैज्ञानिक स्वभाव, अध्यात्म और धार्मिक रुझान,
सभी में इन तीनों बातों का नहीं होता हैं मिश्रण।
सामान्य मनुष्य धर्म के अस्त्र से बढ़ाता हैं दुश्मन,
धर्म के अस्त्र से उसने बड़ा किया था मित्रों का आंगन।
विद्यार्थियों में वैज्ञानिक स्वभाव के विकास का दृष्टिकोण,
विद्यार्थियों को देश में जगह-जगह किया मार्गदर्शन।
वैज्ञानिक स्वभाव से विद्यार्थियों में बढ़ेगा विज्ञान के प्रति रुझान,
विज्ञान और प्रोद्दोगिकी से होगा आत्मनिर्भर भारत का निर्माण।
यही सपना पूरा करने के लिए करते थे भारत भ्रमण,
संबोधन के दौरान शिलांग में हृदय रोग से स्वर्गगमन।
भूतों ना-भविष्यों में शायद ही होगा ऐसा इनसान ,
भारत देश का था वह देशभक्त सपूत वैज्ञानिक महान।