अब तस्वीर बदलनी होगी
अब तस्वीर बदलनी होगी
हर तरफ फैला झूठ, फरेब, अत्याचार l
बहू -बेटियों का घर से निकलना हुआ दुश्वार l
चारों ओर बढ़ रहा बेहिसाब दुराचार l
सबको मिलकर अब यह तस्वीर बदलनी होगी l
हर तरफ लूट है, मच रहा हाहाकार l
कहीं युद्ध,कहीं षड्यंत्र का गर्म है बाजार l
अकेले निपट नहीं सकती कोई भी सरकार l
सबको मिलकर यह तस्वीर बदलनी होगी l
हो कहीं कुछ गलत, और अत्याचार l
एक दूजे पर दोषारोपण करना है बेकार l
बिना डरे हमको करना होगा प्रतिकारl
सबको मिलकर यह तस्वीर बदलनी होगी l
कब तक अपनी जिम्मेदारी से बचने ढूंढेंगे राह l
सच्चाई को अब दिल से करें स्वीकार l
आपने लिए स्वयं ही बनना होगा हमें तारणहार l
सबको मिलकर यह तस्वीर बदलनी होगी l
षडयंत्रो कि विभीषिका में जल रहा संसार l
प्रकृति कब तक झेले मानव रूपी दानव के अत्याचार l
इसलिये पड़ रही अब प्रकृति कि भी मार l
सबको मिलकर यह तस्वीर बदलनी होगी l
बंद करो यह युद्ध,छल, पाप, दुराचारl
शांति, प्रेम, समृध्दि का करो मिलकर सम्मान l
बनाये इसे ही हम अपने जीवन का सार l
सबको बांटे प्यार तब होगा जीवन का उद्धार l