अब तो सपनों में भी कोरोना।
अब तो सपनों में भी कोरोना।
अब तो सपनों में भी कोरोना आने लगा है।
सुबह की न्यूज़ से लेकर अखबार तक छाने लगा है
व्हाट्सएप के मसाले दार तर्कों को बढ़ाने लगा है।
स्कूल और कॉलेज वालों की छूट्टी कर,
घरवालों के चैन उड़ाने लगा है,
सुबह के नाश्ते से लेकर डिनर तक
फैमिली डिसकशन में छाने लगा है।
रातों रात तरक़्क़ी कर ली,
अब तो सितारों को भी जमीन पर लाने लगा है।
छुप के बैठे है सब अपनी छत के नीचे,
एयरलाइन की बत्ती बुझाने लगा है।
मेरे महबूब ने बगावत कर दी मुझसे,
कहते है अब मैं नही कोरोना सपनों में तुम्हारे आने लगा है।
राशन से ज्यादा सैनिटाइजर का खर्चा बढ़ाने लगा है,
मास्क का मार्केट ऊपर जाने लगा है।
क्या क्या बताऊँ कोरोना क्या क्या करने लगा है
अब तो दिन के होश और रात की चैन उड़ाने लगा है।