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Simpy Aggarwal

Inspirational

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Simpy Aggarwal

Inspirational

आज़ादी महोत्सव

आज़ादी महोत्सव

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न बात करूँ मैं शहीदों की आज, 

यदि न करूँ ज़िक्र धर्म-एकता का,

आज़ादी दिवस पर ऐसा लिखना, 

क्या मिलेगा मुझे तमगा देशद्रोहिता का! 


न लहराऊँ मैं कोई तिरंगा, 

यदि न राष्ट्रीय गान मैं गाउँ,

आज के दिन ऐसी सोच रखना,

क्या मिलेगा मुझे तमगा इस क्रूरता का! 


नहीं... मेरी ऐसी दुर्भावना नहीं है कोई, 

न देश का अपमान मैं चाहूँ, 

पर मात्र एक दिन के लिए ही,

मैं दिखावे की देशभक्ति क्यों अपनाऊँ! 


देशभक्ति तो एक जूनून हो, 

हर नागरिक के मन का सुकून हो,

न सीमित रहे मात्र एक दिन तक, 

ये तो सभी रगों में बहता खून हो! 


एक वो शिव नीलकंठ मेरा,

एक मोदीजी का अमृत महोत्सव,

पीकर विष इस कलंकित दुनिया का, 

बाँट दिया पूरी दुनिया को अमृत!


आज़ादी के अमृत महोत्सव को, 

भारतीय उत्सवों की तरह मनाना होगा, 

केवल आज़ादी दिवस पर ही क्यों,

पूरे वर्ष ये तिरंगा नभ में लहराना होगा! 


जन-जन में जागरूकता जागे,

संदेश हर दिल तक पहुँचाना होगा, 

देशभक्ति केवल सीमा के वीरों की नहीं, 

हर नागरिक को ये कर्त्तव्य निभाना होगा! 

 


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