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Amit Nandwani

Inspirational

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Amit Nandwani

Inspirational

इतनी सी

इतनी सी

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कर्तव्यों पे बखूबी रहे

तपिश में तन जलाया है

तब जाकर कहीं हमको घर पे 

सुरक्षित पहुंचाया है,

ऐ मेरे देश अफसोस नहीं

जो तेरे लिए घर बंद किए

बढ़ता रहे उनका काम सदा 

जिसने भी काम अपने रद्द किए,

सुन मेरे खुदा, सुन मेरे खुदा 

अब तुझसे ही हम आस करें

मरे ना कोई कोरोना से 

सब हाथ जोड़ अरदास करें

घर में खुद को बंद रखो

दूसरो से थोड़ा दूर रहो

इतनी सी है देश से विनती

बॉर्डर पर कोई दुश्मन नहीं, जिसे सैनिक खुद मार सके

ये महामारी है कोरोना की, कोई दवा भी ना इसे मोड़ सके

ओ बंदेया वे, सुन बंदेया वे, परिवार साथ कुछ समय बिता

खेल कुछ उनके साथ तू खेल, खुद हार उनको तू जीता

घर में खुद को बंद रखो

दूसरो से थोड़ा दूर रहो

इतनी सी है देश से विनती!


तर्ज - तेरी मिट्टी



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