अजन्मी बच्ची का खत
अजन्मी बच्ची का खत
माँ, प्लीज मुझे जिंदगी में आने की इजाजत दे दो
चार दिन मैं भी जीना चाहती हूँ
मुझे मेरा नाम कमाने की इजाजत दे दो
मुझे जिंदगी में आने की इजाजत दे दो
माँ मैं तुम्हारी गोद में खेलना चाहती हूँ
न धकेलो मुझे उस गंदे से नाले में
बड़ी होकर तुम सी रोटी बेलना चाहती हूँ
मुझे रसोई में आने की इजाजत दे दो
मुझे जिंदगी में आने की इजाजत दे दो
पापा की दुलारी बनूँगी मैं
फालतू पैसा न खर्च करूँगी मैं
मुझे बड़ा आदमी बनने की इजाजत दे दो
मुझे जिंदगी में आने की इजाजत दे दो
भैया से खट्टी-मिट्ठी दोस्ती करना चाहती हूँ
थोड़ा सा उसे तंग मैं भी करना चाहती हूँ
भैया से छोटी-छोटी जिद करने की इजाजत दे दो
मुझे जिंदगी में आने की इजाजत दे दो
मत मारो मुझे इस तरह से
लड़के को पालते हो जैसे मुझे भी पालो उस तरह से
कुछ ख्वाब देखने की मुझे भी इजाजत दे दो
मुझे जिंदगी में आने की इजाजत दे दो
एक बार मुझे गोदी उठाओ न
पापा मुझे ये छोटी सी दुनिया दिखाओ न
कभी घोड़ा बन मुझे भी सैर कराओ
तुम्हारे काँधे पर चढ़ सारा जहाँ देखने की
इजाजत दे दो मुझे जिंदगी में आने की इजाजत दे दो
नहीं है मोह कोई गुड्डे गुड़ियों का
न ही किसी मिट्ठी गोली या पुड़ियो का
शौक रखती हूँ बस तुमसे मिलने का
तुमसे मिलने की इजाजत दे दो
मुझे जिंदगी में आने की इजाजत दे दो।
