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Manpreet Chadha

Inspirational

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Manpreet Chadha

Inspirational

एक नई शुरुआत

एक नई शुरुआत

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सोचा इस होली कुछ नया करते हैं

बेरंग ज़िंदगी के पटल पर कुछ नए रंग भरते हैं

कुछ पुराने उधड़े रिश्तों को फिर से बुनते हैं

खोई खुशियों को फिर बटोरने की कोशिश करते हैं

कुछ सख्त पड़ चुकी गांठों को ढीला करते हैं

पुरानी उधड़न निकाल नए धागों से सिलते हैं


आसान नहीं था ईर्ष्या द्वेष को दफनाना

सौहार्द और सद्भाव को पुनः जागृत करना

था सबसे कठिन काटना अहम की गांठ को

पीड़ा हुई चुभन हुई मगर उखाड़ फेंका जहर को

फिर निष्क्रिय पड़ी भावनाओं की उधड़न को निकाला

प्रेम और विनम्रता की सुई से नए टांकों को डाला


यकीन मानो जैसे जैसे एक एक टांका लगता गया

मानो बिखरे रिश्तों का हार फिर से गुथने लगा

क्योंकि वे टांके नहीं थे वह तो श्रृंखला थी प्रयासों की

कुछ मर चुके एहसासों को पुनः जीवित करने की

जब कड़वाहट घटी और सद्भाव प्रबल हुआ

विचलित बोझिल मन स्वतः शांत हो गया


प्रेम से ओतप्रोत हर धागा उज्वलित हो गया

नए रंगों से हर रिश्ता प्रज्वलित हो गया

गूंज उठा फिर से जीवन खुशियों की आहट से

आनंदित हो गया रोम रोम अपनों की गर्माहट से



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