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Neeraj pal

Inspirational

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Neeraj pal

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मैली -चादर

मैली -चादर

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बड़ा ही सौभाग्य हमारा, जो मानुष तन को धारा है।

 देवता भी तरसते पाने को, दुर्लभ शरीर हमारा है।।


 मिली काया जिस कारज से, संसार में ही खपाया है।

 मदमस्त हुआ कार्य क्षेत्र में, जीवन व्यर्थ यूँ ही गवाया है।।


 प्रकृति रस में लिप्त हुआ, परेशानियों में गुजरा जमाना है।

 ढूँढ न पाता उस पथ को, जहाँ श्रेयश का भरा खजाना है।।


 अंधकार रूपी अज्ञान में डूबा, प्रकृति को ही सब कुछ जाना है।

 आत्म-तत्व को वह क्या जाने, जहाँ आनन्द का आशियाना है।।


 मैं-मेरा, तू-तेरा में पड़कर, मन विकारों ने आकर घेरा है।

 पोथी पढ़-पढ़ ग्रंथ खंगाले, अहंकार ने डाला डेरा है।।


 समाधान अगर चाहता इनसे, प्रकृति से परे जाना है।

 ज्ञान रूपी प्रकाश मिलेगा, आत्म- पथ पर चलना है।।


 वीतराग पुरुष से जुड़ कर तो देखो, हृदय निर्मल जिनका है।

 पल भर में दुख-दर्द दूर हैं होते, ईश्वरीय- रूप उनका है।।


 जीवन का रहस्य वह हैं बतलाते, अध्यात्म- ज्ञान के सागर हैं।

" नीरज" तू भी गुरु को भजले, "मैली चादर" तेरी है।।


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