थोड़ा तुम चलो थोड़ा हम चले
थोड़ा तुम चलो थोड़ा हम चले
थोड़ा तुम चलो थोड़ा हम चले
जीवन की ज़िम्मेदारी
चलो बाँट ले आधी - आधी।
हम एक दुजे का आधा अंग साथी
हिस्सेदारी न करे करे भागीदारी
सुख औ दुख से भरा जीवन
साथ मिल चलें औ जीते हर बाज़ी
प्रेम पूर्ण हो जीवन वचन की हो साझेदारी।
जीवन की ज़िम्मेदारी
चलो बाँट ले आधी -आधी।
न तेरा न मेरा
हम से शुरू हो हर बात साथी
नव कोपल जो विकसित हो
मैं गाऊं लोरी तो तुम दो थपकी
हमारा नव स्वपन भविष्य की साझेदारी।
जीवन की ज़िम्मेदारी
चलो बाँट ले आधी - आधी।
सरगम सा सुरीला होगा जीवन
मधुमास से महकेगा आँगन
तुम नहीं मैं नहीं हम से होगा
जीवन का हर स्वपन पूरा
अदला - बदली ज़िम्मेदारी की नहीं
ये तो है साझेदारी।
जीवन की ज़िम्मेदारी
चलो बाँट ले आधी-आधीI
