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Nandini Mittal

Inspirational

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Nandini Mittal

Inspirational

कलम मेरी क़ुर्बानी तेरी, शब्दावली मेरी कर्म तेरा।

कलम मेरी क़ुर्बानी तेरी, शब्दावली मेरी कर्म तेरा।

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कैसे हर पल एक युद्ध के लिए तैयार रहते हो तुम,

कैसे खुद को पीछे छोड़ तुम जीते हो दूसरों के लिए ?

ये तुम हो या हो खुदा का हो कोई भेजा संदेशा,

शहिद हो तुम या शहीदी है जीवन तुम्हारा।


अक्स हो तुम या उड़ता परिंदा हो तुम,

कैसे खुद को झोंक हवा की तरह बह जाते हो तुम ?

माँ का आँचल छोड़ धरती माँ को बचाने जाते हो तुम,

उस माँ की ममता में ही खुद को अमर कर देते हो तुम।


जीवन से है प्रेम तुम्हें या प्रेम में जीते हो जीवन तुम अपना,

डर से आगे बढ़ साहस से जीते हो तुम

या डर भी सजदा करता है आगे तुम्हारे।

किसके लिए जीते हो तुम, 

किसके लिए हर पल जान की कुरबानी देते हो तुम,


ठंड सर्द में बनाते हो आबाद एक घर तुम अपना, 

उस घर की रोशनी से जगमगाता है ये देश हमारा।

कैसे ना पूजे ये धर्म तुम्हारा, कैसे ना माने तुम्हें देश हमारा ?

तुम तो सोते हुए भी रातों में जागे होते हो बचाने ये देश हमारा,


तुम हो पुकार इस जीवन की, तुमसे ही बनता है ये एकजुट भारत हमारा।

कैसे उसे शान बनाके जीते हो तुम, कैसे उसकी शान में फ़िदा होते हो तुम,

एक तिरंगा वो भी है, एक तिरंगा तुम हो जो

उसमें लिपटकर गर्व से खुद में जीते हो तुम।


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