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Nandini Mittal

Inspirational

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Nandini Mittal

Inspirational

तू समंदर, मैं दरिया तेरा

तू समंदर, मैं दरिया तेरा

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तू लहरों सा बहता समंदर है,

मैं तो बस केवल तेरी राहों में समाई एक बूँद हूँ।

तू रेत सा बहता कोमल स्पर्श है,

मैं तो केवल मिट्टी में समाया एक कंकड़ हूँ।


तू जड़ों से उपजा एक खूबसूरत फूल है,

मैं तो केवल उस पेड़ का एक उगता पत्ता हूँ।

तू उस आसमाँ से भी परे उड़ता एक परिंदा है,

मैं तो केवल उस परिंदे में जान भरती हवा को झोंका हूँ।


तू कीचड़ में भी महकता कमल का फूल है,

मैं तो केवल उस कीचड़ का एक हिस्सा हूँ।

तू एक नए युग की राहें बुनता सफल किनारा है,

मैं तो केवल उन राहों में बैठी एक साथी हूँ।


तू ख़ूबसूरती की परिभाषा को रचता एक सितारा है,

मैं तो केवल उस सितारे को तकती एक बंजारन हूँ।

तू मुसाफ़िर है इस दुनिया में ठहरी रेत सा,

मैं तो केवल हूँ एक मुसाफ़िर मंज़िलो का तेरी।


तू सितारों की महफ़िल में भी चाँदनी रात सा गूंजता है,

मैं तो केवल उन रातों में गूंजती खामोशी हूँ कोई।

तू जाना जाता है तेरे बस होने की आहट से,

मैं तो केवल देखी जाती हूँ मेरे इस जिस्म रूपी शृंगार से।


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