आज़ादी कि शुभकामनायें
आज़ादी कि शुभकामनायें
आज़ादी की ?
किसकी ?
क्या आप आज़ाद हैं ?
कैसे ?
देश !
हाँ, देश तो आज़ाद हुआ था एक बार,
अनगिनत वीरों ने
बलिदान दिया था अपना।
पर देशवासी कहाँ आज़ाद रह पाए !
वो तो आज़ाद नहीं हैं अब
फिर आप आज़ाद कैसे ?
क्या आप 'ठाकुर' हैं ?
क्योंकि, ठाकुर लोग आज़ाद थे हमेशा ही।
नहीं ! तो क्या आप सरकारी 'बाबू' हैं ?
हाँ, वो लोग भी आज़ाद हैं अब।
नहीं ! तब तो आप जरूर
'अच्छे दिन' वाले 'नेता' हैं,
वो तो जरूर ही आज़ाद होंगे ?
नहीं ?
तो कौन हैं आप ?
आम आदमी !
अच्छा 'केजरीवाल' वाले क्या ?
हाँ, उनके भी अच्छे दिन आ गए हैं
वो भी आज़ाद हो गए हैं।
वो भी नहीं ? तो फिर ?
आम आदमी !
हम जैसे !
क्या आम आदमी भी आज़ाद हो गया है ?
कब हुआ ये ?
तब तो, मैं भी आज़ाद .... !
मैं भी आज़ाद ।
शुभकामनायें, शुभकामनायें..
आपको भी, आपको भी,
सभी को आज़ादी की शुभकामनायें।