आज़ाद अशआर
आज़ाद अशआर
डूब जाने दे अपने
इश्क़ के समंदर में मुझे
तुझ में ऐसा खो जाऊं कि
उस नदी को भी हमारी
इश्क़ से जलन हो जाए
तुम्हारे इश्क़ में बदनाम
हो गए थे हम कल तक
आज मैं तुम्हारा हूं
यह आजकल की बात है
साथ तब तक हूं तेरा
जब तक जिंदा हूं
मरने के बाद तो
खुदा की नजरों में भी
हमारी इज्जत होगी
तुम्हारे हाथों से मेरे
हाथ ऐसे उलझे की
पता ही नहीं चला
हम जमाने से
कितना दूर हो गए
तुम्हारे इश्क़ की चादर
जब ओढ़ लेता हूं
जवान से निकली हरेक
बात शायरी बन जाती है
क्यों न मैं भी एक रोज ऐसे ही
टकटकी लगाकर तुझे देखूं
ए जिंदगी आखिर तू
दिखती कैसी है।
उनकी हर एक बात से
मुझे फर्क पड़ता है
ए आसमाँ बोल दे उन्हें
मैं उनके लिए तेरे जैसा बना हूं।
किसी के हमारे जीवन में
दस्तक देने से क्या होगा
ए आसमाँ-जमीं
सब जानती है
हमारी आपकी कहानी।
मुझ में जिंदा रहो
तुम इस कदर कि
मैं बेहोश रहूँ
दुनिया की साजिशों से।