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Mayank Kumar 'Singh'

Romance

3.3  

Mayank Kumar 'Singh'

Romance

आज़ाद अशआर

आज़ाद अशआर

1 min
482


डूब जाने दे अपने

इश्क़ के समंदर में मुझे

तुझ में ऐसा खो जाऊं कि

उस नदी को भी हमारी

इश्क़ से जलन हो जाए

                    

तुम्हारे इश्क़ में बदनाम

हो गए थे हम कल तक

आज मैं तुम्हारा हूं

यह आजकल की बात है

                    

साथ तब तक हूं तेरा

जब तक जिंदा हूं

मरने के बाद तो

खुदा की नजरों में भी

हमारी इज्जत होगी

                    

तुम्हारे हाथों से मेरे

हाथ ऐसे उलझे की

पता ही नहीं चला

हम जमाने से

कितना दूर हो गए

                    

तुम्हारे इश्क़ की चादर

जब ओढ़ लेता हूं

जवान से निकली हरेक

बात शायरी बन जाती है

                    

क्यों न मैं भी एक रोज ऐसे ही

टकटकी लगाकर तुझे देखूं

ए जिंदगी आखिर तू

दिखती कैसी है।           


उनकी हर एक बात से

मुझे फर्क पड़ता है

ए आसमाँ बोल दे उन्हें

मैं उनके लिए तेरे जैसा बना हूं।

                  


किसी के हमारे जीवन में

दस्तक देने से क्या होगा

ए आसमाँ-जमीं

सब जानती है

हमारी आपकी कहानी।

           

मुझ में जिंदा रहो

तुम इस कदर कि

मैं बेहोश रहूँ

दुनिया की साजिशों से।


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