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आतंकवाद

आतंकवाद

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आतंकवाद-आतंकवाद,

कभी न सहेगा हमारा हिंदुस्तान।

चोरी-डकैत को समाप्त करेंगे,

प्रेम से ही दुनिया को प्राप्त करेंगे।


ममता-सा मन में धीर धरेंगे,

इतनी तेज़ शक्ति हम भरेंगे।

प्रेम के अथाह को न नाप सकेंगे,

सागर की गहराई को न भाँप सकेंगे।।


हर लड़ाई-झगड़े से दूर हटेंगे,

शान से इकदूजे से गले मिलेंगे।

कैसे हो गए मेरे देश के हालात ?

हर कोई मारे मुक्का और लात।


दूर करेंगे हम काली हर रात,

समझ में आई आपको मेरी बात।

खाते हैं कसम वीर हम साथ,

बदलके रहेंगे बुरे हालात।।


लेता हूँ विराम इस उम्मीद के साथ,

एक नज़र से वीर तू भाँप,

दाँत खट्टे करके समाप्त करदे पाप।।


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