शिष्य की गुहार
शिष्य की गुहार
शिष्य लगा रहे गुहार,
गुरु जी करदो हमारा उद्धार।
गांधी, नेहरू, सुभाष जैसे नेता हमें बनादो ना,
सच्चाई की राह तो फिर से हमें दिखादो ना।
भूल चुका है जग मेरा जो वो संस्कार जगादो ना,
एक-एक छात्र के मन में ज्ञान की ज्योत जगादो ना।।
समय की कीमत अब तो नित दिन उन्हें समझाना है,
अनुशासन व दृढ़-विश्वास का केवल पाठ पढ़ाना है।
हार या जीत की परवाह किए, तुमको आगे जाना है,
कर्म ही जीवन का आधार, नेक रखना अपने विचार।
वीरों का इस पावन धरा पर होती नतमस्तक बारंबार,
जब भी कोई मुसीबत आई, हँसकर किया उसे स्वीकार।
अपने भीतर की बुराई का, आज से ही करदो बहिष्कार,
नेकी की कलम से अब तो उत्पन्न करेंगे अनेक चित्रकार।