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Ranjeet Tiwari

Abstract

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Ranjeet Tiwari

Abstract

आते हैं मोड़ जिंदगी में

आते हैं मोड़ जिंदगी में

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आते हैं मोड़ जिंदगी में अनजान सा सफर है

संभल के चलो बड़ी कठिन ये डगर हैं। 


हर कदम पर कुछ खोना है और पाना सा

कई रिश्तो के बंधन को पड़ता है निभाना सा।

 

टूट जाते हैं साथ कई ,छूट जाते है हाथ यहाँ

तो फिर जिंदगी से सांसों भी बहाना कहाँ।

 

मिलते है साथी यहाँ है हर एक मोड़ पे 

कब कहाँ कौन किसका साथ छोड़ दे।

 

कभी छूटे ओ जिन्हें कहते थे अपना

दमन छूटा तो यादे बन गए अधुरा सपना। 


भरोसा नहीं किसी भी एक क्षण का।

समय सागर से मुक़ाबला क्या जीवन रूपी कण का।


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