तुमसे क्या मांगू
तुमसे क्या मांगू
हे दयानिधि ,दीनबंधु ,करुणासिन्धु ,
हे दयामयी परमसखा, परमेश्वरा।
सहस्त्र कोटि श्रद्धा पूर्वक नमोस्तुते,
कर रहा तूझे प्रवित्र ॐ श्रीं हरि हरा।
मैं हूँ अनजान तेरी कृति से सदा,
तुझे न बड़ा इस संसार में हे दिगम्बरा।
मै पतित कपट नीच अभिलाषी ,
तुम हो महान हे दयावान अक्षरा।
तुमसे सागर, भूधर वन सुन्दर बना
तुमसे ब्रह्माण्ड ये अम्बर धरा।
मानव पशु वृक्ष चराचर शशि भानू,
कायम है तुझसे हे महेश्वरा।
पत्र न हिले तेरी ईक्षा विरुद्धा
तू ही है समग्र सृस्टि का भाग्येश्वरा।
जो तू करता शुभ ही करता,
क्या मांगू तुझसे हे पालनहारा।