STORYMIRROR

Ranjeet Tiwari

Abstract

4  

Ranjeet Tiwari

Abstract

तुमसे क्या मांगू

तुमसे क्या मांगू

1 min
392

हे दयानिधि ,दीनबंधु ,करुणासिन्धु ,

हे दयामयी परमसखा, परमेश्वरा। 

सहस्त्र कोटि श्रद्धा पूर्वक नमोस्तुते,

कर रहा तूझे प्रवित्र ॐ श्रीं हरि हरा। 


मैं हूँ अनजान तेरी कृति से सदा,

तुझे न बड़ा इस संसार में हे दिगम्बरा। 

मै पतित कपट नीच अभिलाषी ,

तुम हो महान हे दयावान अक्षरा। 


तुमसे सागर, भूधर वन सुन्दर बना

तुमसे ब्रह्माण्ड ये अम्बर धरा। 

मानव पशु वृक्ष चराचर शशि भानू,

कायम है तुझसे हे महेश्वरा। 


पत्र न हिले तेरी ईक्षा विरुद्धा 

तू ही है समग्र सृस्टि का भाग्येश्वरा। 

जो तू करता शुभ ही करता,

क्या मांगू तुझसे हे पालनहारा। 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract