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Ranjeet Tiwari

Abstract

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Ranjeet Tiwari

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तुमसे क्या मांगू

तुमसे क्या मांगू

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हे दयानिधि ,दीनबंधु ,करुणासिन्धु ,

हे दयामयी परमसखा, परमेश्वरा। 

सहस्त्र कोटि श्रद्धा पूर्वक नमोस्तुते,

कर रहा तूझे प्रवित्र ॐ श्रीं हरि हरा। 


मैं हूँ अनजान तेरी कृति से सदा,

तुझे न बड़ा इस संसार में हे दिगम्बरा। 

मै पतित कपट नीच अभिलाषी ,

तुम हो महान हे दयावान अक्षरा। 


तुमसे सागर, भूधर वन सुन्दर बना

तुमसे ब्रह्माण्ड ये अम्बर धरा। 

मानव पशु वृक्ष चराचर शशि भानू,

कायम है तुझसे हे महेश्वरा। 


पत्र न हिले तेरी ईक्षा विरुद्धा 

तू ही है समग्र सृस्टि का भाग्येश्वरा। 

जो तू करता शुभ ही करता,

क्या मांगू तुझसे हे पालनहारा। 


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