रतलाम बुला रहा है
रतलाम बुला रहा है
एक तरफ पशुपति नाथ ,
दूसरी तरफ माँ त्रिपुरा सुंदरी.
महाकाल का बसेरा निकट है.
बीच में भोले भाले की नगरी
तीन प्रदेशो को मिलता है .
ऐसा लगे कि रतलाम बुलाता है
जंहा हिन्दू,जैन ,ईसाई.मुस्लिम
हर धर्म देखा एक सामान .
मदद करने की है यहाँ प्रकृति
छोटी नगरी,लम्बी डगरी और खुला मैदान
आधुनिकता में अधयात्मिक्ता जिन्दा
मैंने देखा यहाँ पर रोशन .
मानवता का प्रमाण यहाँ पाया ,
प्रकृति सौंदर्या से महके यहाँ चमन
लोक कर्मो से चमन को यहाँ महकाता है
ऐसा लगे की रतलाम बुलाता है
मावा बाटी,,सेव ,राबड़ी से ,
दुकाने दिखती है सजी हुई .
हरी साक, प्याज लहसुन सोया,
परिशर्मा से है उपजी हुई ,
प्रकृति का ये संगम मन को लुभाता है
ऐसा लगे कि रतलाम बुलाता है
गुप्तेशर के झरने मनोहर ,
कलिका माता का दृश्य अति सुन्दर.
हनुमा ताल के तालाब का भरमण.
प्राचीन बड़बड़ आयी और निखार
यही भावना यहाँ सबको दर्शाता है
ऐसा लगे की रतलाम बुलाता है
जे वि अल ,इफका ,मालवा से,
यंहा चमक रहा रोजगार है ,
साड़ी,सोना चंडी आदि से
रोशन यंहा व्यापार है,
पर्यटन ,रोजगार आदि से मन को हरसता है
ऐसा लगे की रतलाम बुलाता है
पर्व यंहा के है मनोरम ,
दीवाली में लक्ष्मी मंदीर लुभावनी
नवरात्र में कालका की झांकी
जैन मंदिरो का अद्भुत मनभावनी
विवरण कलम से नहीं आता है
ऐसा लगे कि रतलाम बुलाता है.