आशा की किरण
आशा की किरण
आशा की किरण अंधेरे में भी रहती है,
खोजना पड़ता है अंधेरे में जाकर।
अंधेरे में दीपक जलाना पड़ता है बाहर से आकर।
खुश होता है हर कोई रोशनी को पाकर।
चलो अंधेरा छंटा, लग रहा था अटपटा।
अब रोशनी ने बादलों की दिखाई घटा।
रोशनी तो रोशनी है, जनाब छुपाए थोड़े ही छिपती है।
