आप की पसंद
आप की पसंद
आप की पसंद
तुमको जो पसंद है,वही बात करेंगे,
तुम सुरज को चांद कहेगें,
तो सुरज को चांद कहेगें,
लेकिन, तुमको जो पसंद है,वही बात करेंगे
तुम देशद्रौही को देशभक्त कहेगें,
देशद्रौही को सर आंखो पर बिठायेगें,
तुम देशभक्त को देशद्रौही कहेगें ,
उन पर देशद्रौही के झूठे आरोप लगायेगें,
तुमको जो पसंद है,वही बात करेंगे
तुम कहेगें विरोधीयों को आंतकवादी,
बेशक विरोधीयों को आंतकवादी कहेंगें
नहीं मानेगें तो झूठे जाल में फसा देगें,
सडने के लिए जैल में जबरन ठुस देगें,
तुमको जो पसंद है,वही बात करेंगे
तुम कहो विरोधीयों की सरकार गिरायेंगें,
तो विरोधीयों के विधायक खरिदेंगें,
अगर नही बिके गये, उनके पिछे,
ईडी, एनआए और सीबीआय लगा देगें,
लेकिन तुमको जो पसंद है,वही बात करेंगे
तुम कहो, नोटबंदी करेंगे,
नोटबंदी का समर्थन करेंगे,
सही ठहराने के लिए डिजीटल की जंग लडेगें
चाहे कोई भी हो अंजाम,
उसे आपकी दूरदृष्टि बतायेगें,
तुमको जो पसंद है,वही बात करेंगे
तुम कहो,जीएसटी लगायें,
जी एस टी का समर्थन करेंगे
सही ठहराने के लिए ,
पांच ट्रीलीयन इकॉनोमिका जुमला फेकेगें
तुमको जो पसंद है,वही बात करेंगे
आप के ड्रीम प्रोजेक्ट की बुलेट ट्रैन चलायें,
बजेट नहीं होगा तो जापान से उधार लेगें
रैल सुविधाओं में कटोती करेगें,
कुछ रेलगाडीयों को नीजि हातो में देगें,
लेकिन, तुमको जो पसंद है,वही बात करेंगे
कोरोना के रोकथाम के लिए,
समुचे देश में तुगलगी तालबंदी करेगें,
इससे भी कुछ नही बना ,
तो जनता से खुप तालियां बजायेगें,
लेकिन, तुमको जो पसंद है,वही बात करेंगे
हालत और बिगडे तो रात में,
ध्यान भटकाने के लिए ,जनता से दिये जलायें,
कोरोना के लिए स्वदेशी वैक्सीन का ऐलान करेगें,
कोरोना योध्दाओं का आसमानी फुलोंसे सम्मान करेगें,
लेकिन, तुमको जो पसंद है,वही बात करेंगे
बढती बेरोजगारी,गिरती जीडीपी के लिए,
आत्मनिर्भर भारत का ऐलान करेंगे
स्टार्टअप,कौशल भारत,स्टॅंडाप इंडिया का ऐलान करेगें,
रोजगार के बदले जुमले से नौजवानों का समाधान करेगें,
लेकिन, तुमको जो पसंद है,वही बात करेंगे
ड्रैगन के गलवान घटी के अतिक्रमण के लिए,
नेहरु के गलत विदेशनीति का उत्पाद कहेंगें,
देश के बिगडे हालात को कॉंग्रेस की देन कहेगें,
वर्तमान हालात के लिए कोरोना महामारी को कोसेगें,
लेकिन, तुमको जो पसंद है,वही बात करेंगे
इसी बहाने रॉफेल खरीद को सही ठहरायेंगें,
देश के संप्रभुता के लिए जरुरी बतायेगें,
इस अफरा-तफरी में, अपनों के लिए ,
लाभकारी सार्वजनिक संस्थानों को कवडीयों के मोल बेचेंगें,
लेकिन, तुमको जो पसंद है,वही बात करेंगे
राजनीतिक अपराधीकरण खत्म करने का नारा देंगे
सबसे ज्यादा संगीन अपराधीयों को संसद में चुनके लायेंगें,
मीडिया को लोकतंत्र का मुख्य स्तंभ कहेंगें
राष्ट्रीय मीडिया को मनु मीडिया बना देगें
लेकिन, तुमको जो पसंद है,वही बात करेंगे।