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डॉ दीप्ति गौड़ दीप

Romance

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डॉ दीप्ति गौड़ दीप

Romance

आओ प्यार करें

आओ प्यार करें

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इस अस्त - व्यस्त से जीवन में,

आओ कुछ लम्हे प्यार करें

भीगी है मन की अमराई

हम तुम मिलकर इकरार करें।


देते हो सलीका जीने का,

मरने का सलीका क्या कहिए।

बंजर है जो धरती दिल की

हम तो मिलकर गुलज़ार करें।


आते हो हरदम ख़्वाबों में,

यादों के दीये तो रौशन है।

है प्यार बहुत तुम से हमदम,

चलो साथ चलें इज़हार करें।


बिसराये हम कैसे तेरी, 

बातों को मुलाकातों को।

छेड़ो तुम कोई तान प्रिये,

फिर मधुरम धुन झंकार करे ।


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