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डॉ दीप्ति गौड़ दीप

Classics

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डॉ दीप्ति गौड़ दीप

Classics

बच्चे सयाने होने लगे

बच्चे सयाने होने लगे

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नये मंजर पुराने होने लगे

घर में गम के ठिकाने होने लगे।


माँ -बाप का रहने लगा,

उलझनों में जिगर,


जबसे बच्चे सयाने होने लगे।


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