STORYMIRROR

डॉ दीप्ति गौड़ दीप

Action

4  

डॉ दीप्ति गौड़ दीप

Action

त्यागो नशे के अंधियारे को

त्यागो नशे के अंधियारे को

1 min
387

नशा नाश कर देता, सारे जीवन के उजियारे को

पास नहीं बिठलाता कोई, एक नशे के मारे को l

भांग, चरस, कोकीन, तम्बाकू, ब्राउन शुगर सब ज़हरीले

पल में पागल हो जाता है, मद्य का प्याला जो पी ले l


घर की बर्बादी का सूचक, समझो सहज इशारे को

आय से ज्यादा व्यय हो जाता, आमदनी घट जाती है l

जीवन शैली मुख्य धारा से, शनै:-शनै: कट जाती है

नशेबाज़ खुद खाक़ मिला देता, सम्मान के तारे को।


आज नशे का चलन अनोखा, दुनिया में चल बैठा है

सबके सिर पे भूत नशे का, लेकर बोतल बैठा है l

रोगग्रस्त हो रहे हज़ारों, देखो रोज़ नज़ारे को

गली-गली में खैनी गुटके, बच्चे खाते फिरते हैं।


ड्रग्स नशे के ले-लेकर, तन की बर्बादी करते हैं

दुनिया है हैरान नशे में, त्यागो इस अंधियारे को l

सभी नशे के उत्पादन पर, रोक लगा दो सरकारी 

देश बचाना है तो जल्दी, यह आदेश करो जारी l


‘दीप” करो उपचार, गिरा दो आज नशे के पारे को।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Action