आओ कविता लिखें
आओ कविता लिखें


आओ कविता लिखें कि
कविता - वाकिफ़ है हर सच्चाई से।
आओ कविता लिखें कि
कविता - भिड़ जाती है तन्हाई से।
कविता पहुँची जहाँ सूर्य
या चाँद सितारे पहुँच न पाए।
धरती, अम्बर, पर्वत, सागर,
यह कविता सबको दुलराए।
आओ कविता लिखें कि
कविता - समझे सबको गहराई से।
धनवानों की भरी तिजोरी
मज़दूरों का ख़ून पसीना।
राजनीति का नग्न नृत्य या
अफसरशाहों का घृत पीना।
आओ कविता लिखें कि
कविता - पढ़ लेती सब चतुराई से।
नफ़रत की दीवारों पर है
वार किया करती यह कविता।
पीड़ित शोषित असहायों से
प्यार किया करती यह कविता।
आओ कविता लिखें कि
कविता - देखा करती ऊँचाई से।