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Gyanendra Mohan

Inspirational

4.5  

Gyanendra Mohan

Inspirational

आओ कविता लिखें

आओ कविता लिखें

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आओ कविता लिखें कि कविता

वाकिफ़ है हर सच्चाई से।

आओ कविता लिखें कि

कविता - भिड़ जाती है तन्हाई से।

कविता पहुँची जहाँ सूर्य

या चाँद सितारे पहुँच न पाए।

धरती, अम्बर, पर्वत, सागर,

यह कविता सबको दुलराए।

आओ कविता लिखें कि कविता

समझे सबको गहराई से।

धनवानों की भरी तिजोरी

मज़दूरों का ख़ून पसीना।

राजनीति का नग्न नृत्य या

अफसरशाहों का घृत पीना।

आओ कविता लिखें कि कविता

पढ़ लेती सब चतुराई से।

नफ़रत की दीवारों पर है

वार किया करती यह कविता।

पीड़ित शोषित असहायों से

प्यार किया करती यह कविता।

आओ कविता लिखें कि

कविता - देखा करती ऊँचाई से।



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