बेशक़ सहीह आप हैं ख़ुद अपनी नज़र में, कुछ मायने तो रखती है दुनिया की नज़र भी। @ ज्ञान
क्यों न आज, फिर से गुलाल, उन अपनों पर उछले। क्यों न आज, फिर से गुलाल, उन अपनों पर उछले।
आओ कविता लिखें कि कविता वाकिफ़ है हर सच्चाई से। आओ कविता लिखें कि कविता वाकिफ़ है हर सच्चाई से।
आओ कविता लिखें कि कविता - भिड़ जाती है तन्हाई से। आओ कविता लिखें कि कविता - भिड़ जाती है तन्हाई से।
इस बारिश में तेरी यादें कर देंगी पागल। इस बारिश में तेरी यादें कर देंगी पागल।
जितना जो कुछ मिला भाग्य से हमने तुमने है स्वीकारा। जितना जो कुछ मिला भाग्य से हमने तुमने है स्वीकारा।
बहन, तेरी शादी होने से पहले तक रक्षाबंधन का त्योहार त्योहार था। बहन, तेरी शादी होने से पहले तक रक्षाबंधन का त्योहार त्योहार था।
जो खड़ी हो रही हैं नफ़रत की दीवारें, उन दीवारों के ढहना बहुत जरूरी है। जो खड़ी हो रही हैं नफ़रत की दीवारें, उन दीवारों के ढहना बहुत जरूरी है।
जो लगाए पेड़ उनकी हो सुरक्षा भी, दुर्दशा होने न दें अब किसी क़ीमत में। जो लगाए पेड़ उनकी हो सुरक्षा भी, दुर्दशा होने न दें अब किसी क़ीमत में।
इसीलिये कहता हूँ तुमसे प्यार सदा रंग लाया है। दीवानेपन की हद तक तुम, अपना मकसद आँको तो। इसीलिये कहता हूँ तुमसे प्यार सदा रंग लाया है। दीवानेपन की हद तक तुम, ...