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Divyanshi Triguna

Abstract Romance Fantasy

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Divyanshi Triguna

Abstract Romance Fantasy

आओ कृष्ण मुरारी जी..!

आओ कृष्ण मुरारी जी..!

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विनती सुनिए मोहन मुरारी,

सर्वेश्वर, सर्व जन हितकारी..

अपनी कृपा, कृपा तुम करना 

मेरी भव बाधा को हरना..


नीर बहे प्रभु नयना में तर, 

आस करें मन रैना में हर..

भक्ति में वो शक्ति हैं भगवन, 

प्रेम में आसक्ति हैं हरि मन..


कभी तो हमारे भी, हमारे भी 

अंगना पधारो जी, पधारो जी..

आओ कृष्ण मुरारी जी,

आओ तुम बनवारी जी..


यहीं हैं विनती सभी,

आओ गिरधर धारी जी

आओ कृष्ण मुरारी जी।


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