आओ हम सब दीप जलाएं
आओ हम सब दीप जलाएं
आओ हम सब दीप जलाएं,
अंधकार सब दूर भगाएं।
घर बाहर मन करे प्रकाशित,
खुशी बांट कर खुशी मनाएं।।
पर्व दिवाली है प्रकाश का ,
राम अवध इस दिन आए।
दीप जले हरषाए सब जन ,
सबने प्रभु दर्शन पाए।।
धन धान्य की प्राप्ति हुई,
भण्डार भर गये है सब के।
रिद्धि सिद्धि सम्पति दाता को,
पूजे सभी मगन होकर के।।
लक्ष्मी कुवेर सरस्वती गणेश,
का पूजन होता घर घर में।
आतिशबाजी चले दीपकों,
की झिलमिल है हर घर में।।
दीन हीन की मदद करो मिल,
कुटिया को जगमग कर दो।
दीप जले जग जगमग होवे,
गम के दूर अंधेरे कर दो।।