आँसू मेरे राज बताने वाले हैं
आँसू मेरे राज बताने वाले हैं
आँखों से बाहर ये आने वाले हैं
आँसू मेरे राज बताने वाले हैं
आग लगा कर जिसने मारा कल ख़ुद को
आज उसी को फिर से जलाने वाले हैं
बाद तेरे जाने के ज़िन्दा ही कब थी
डोली में तो लाश उठाने वाले हैं
जिस गंगा के आगे बचपन गुज़रा था
आख़िर में उसमें ही बहाने वाले हैं।
