ग़ज़ल
ग़ज़ल
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हर समय और हर घड़ी बन जाओ तुम
तीरगी में रोशनी बन जाओ तुम
ये दरिन्दे नोच खाएंगे तुम्हें
तितलियों अब शेरनी बन जाओ तुम
