STORYMIRROR

राहुल द्विवेदी 'स्मित'

Romance

4.8  

राहुल द्विवेदी 'स्मित'

Romance

आँसू बन बह जाता हूँ

आँसू बन बह जाता हूँ

1 min
452


तुझको सोचूँ तो आँखों से आँसू बन बह जाता हूँ ।

गीत, ग़ज़ल, कविता, छंदों में तुझको ही कह जाता हूँ ।

तेरा साथ अगर है तो मैं एक समन्दर जैसा हूँ ।

तुझको खोकर सोचूँ तो बस कतरा भर रह जाता हूँ ।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance