"आँख मिचौली "
"आँख मिचौली "
पकड़ लूँगा तुझे तो मैं
कहाँ तुम मुझसे भागोगी
जहाँ जाओगी तुम मुझसे
वहीं तुम मुझको पाओगी
तुम्हारी जुल्फ की खुशबू
मुझे रस्ता बताती है
भटकने की नहीं जरूरत
वो खुद मुझको बुलाती है
पकड़ लूँगा तुझे तो मैं
कहाँ तुम मुझसे भागोगी
जहाँ जाओगी तुम मुझसे
वहीं तुम मुझको पाओगी
जहाँ तुम दूर जाओगी
तुम्हारा नूपुर बुलाएगा
तुम्हारे स्वांस का कंपन
मुझे सब कुछ बताएगा
पकड़ लूँगा तुझे तो मैं
कहाँ तुम मुझसे भागोगी
जहाँ जाओगी तुम मुझसे
वहीं तुम मुझको पाओगी
कभी झुमका कभी कंगना
मुझे सब क्षण बुलायेंगे
नहीं तुम भाग पाओगी
अंधेरे में भी आयेंगे
पकड़ लूँगा तुझे तो मैं
कहाँ तुम मुझसे भागोगी
जहाँ जाओगी तुम मुझसे
वहीं तुम मुझको पाओगी
चलो मैं हार ही माना
इसे स्वीकार करता हूँ
जनम का है मेरा बंधन
तुम्हें बस प्यार करता हूँ
पकड़ लूँगा तुझे तो मैं
कहाँ तुम मुझसे भागोगी
जहाँ जाओगी तुम मुझसे
वहीं तुम मुझको पाओगी !!