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Abhishek Singh

Romance

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Abhishek Singh

Romance

आख़री मुलाक़ात... 1

आख़री मुलाक़ात... 1

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पल वो था कुछ ऐसा

दर्द भरा हुआ जैसा,

आँखों में नमी थी

लैबों पे न ख़ुशी थी,

फिर भी न रोने की

अदा तो हमने की,

रोके न रुकी जाने कब

आँख समंदर बन गयी,

अश्रु की धारा पलकों से

बहती ही रह गयी,

दिल तड़पता ही रह गया

दिल धड़कता ही रह गया।


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