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Apoorva Dixit

Inspirational Others

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आज़ादी का अमरत्व

आज़ादी का अमरत्व

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हर घर में तिरंगा छाया है, हर मन को तिरंगा भाया है,

आजादी का अमरत्व लिए ये स्वर्णिम दिन फिर आया है।।


मिल जाना स्वतंत्रता केवल इतना ही पर्याप्त नहीं,

जब तक सृष्टि के कण कण में निज देश प्रेम हो व्याप्त नहीं।

निज शोणित से सिंचित करके ये पुण्य धरा जो त्याग गए,

बलिदान हमें उन वीरों का फिर याद दिलाने आया है …….


उत्तर में जिसका शीश बना है नगाधिपति पर्वत विभ्राट,

दक्षिण में चरणों को धोता देखो सागर का सम्राट।

तपोभूमि जो रही सदा ही कोटि तपस्वी संतों की,

जिसके कण कण में व्याप्त श्लोक हैं गीता जैसे ग्रंथों के

यह पुण्य धरा है सिर्फ हमारी, ये याद दिलाने आया है……


आओ मिलकर सब करे प्रतिज्ञा

देश नहीं झुकने देंगे,

निज पौरुष तथा भ्रातृत्व भाव से भारत दिग्विजयी बनाएंगे।

राग द्वेष सब भूल प्रेम से सबको गले लगाएंगे,

इस आर्यावर्त इस भारत को फिर विश्व गुरु हम बनाएंगे।

भारत भूमि को फिर इसकी पहचान दिलाने आया है…..

आजादी का अमृत्व लिए ये स्वर्णिम दिन फिर आया है।।



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