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निःस्वार्थ प्रेम के वृक्ष ये जब तप और त्याग से सींचे जाते हैं, तब जाकर इस जीवन के संबं निःस्वार्थ प्रेम के वृक्ष ये जब तप और त्याग से सींचे जाते हैं, तब जाकर इस जीव...
प्रण मान यही कहना है तुम्हें, है हार नहीं स्वीकार मुझे।। प्रण मान यही कहना है तुम्हें, है हार नहीं स्वीकार मुझे।।
जब कभी कहीं त्योहारों पर हम परिजन संग खुशी मनाते हैं, जब कभी कहीं त्योहारों पर हम परिजन संग खुशी मनाते हैं,
कभी नहीं हारा जो जग से हम कुछ भारत के वासी हैं। कभी नहीं हारा जो जग से हम कुछ भारत के वासी हैं।
अब तेरे भविष्य की स्वर्ण लकीरे अपने हाथों में आई है।। यह नवीन युग का भारत है…… अब तेरे भविष्य की स्वर्ण लकीरे अपने हाथों में आई है।। यह नवीन युग का भारत है…...
पर यदि ये न रहे इस अवनी पर तो मानव का भी अस्तित्व कहां, मानव का भी अस्तित्व कहां ? पर यदि ये न रहे इस अवनी पर तो मानव का भी अस्तित्व कहां, मानव का भी अस्तित्व ...
किसी आंख में न कोई आने दे आंसू, काश! इंसान का ये दस्तूर हो जाए। किसी आंख में न कोई आने दे आंसू, काश! इंसान का ये दस्तूर हो जाए।
ये मन विश्राम ही अब मांगता है।। ये मन विश्राम ही अब मांगता है।। ये मन विश्राम ही अब मांगता है।। ये मन विश्राम ही अब मांगता है।।
अविराम चले जो विश्व पटल तक, कैसे वो नारी अबला है. अविराम चले जो विश्व पटल तक, कैसे वो नारी अबला है.