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Apoorva Dixit

Inspirational

4.5  

Apoorva Dixit

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वृक्षों की सीख

वृक्षों की सीख

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निज आधारों से जुड़कर ही हम पा सकते हैं उत्कर्ष यहां;

यही सीख जीवन की हमको पेड़ सिखाते रहे सदा।


यदि शिखरों तक जाना है, निज आधारों से जुड़े रहो,

नित त्याग, शील, परहित व्रत पर तुम मजबूती से अड़े रहो।


निराधार वृक्षों का रह जाता कोई मोल नहीं,

निराधार मानव भी बन पाता कभी अनमोल नहीं।


आतप अंधड़ झंझावातों से कभी ना डर कर गिरना तुम,

वृक्ष सिखाते हमें सदा हंस परहित करते रहना तुम।


सद्गुण रूपी फलों से जो जितना ही संपन्न हुए,

वे वृक्ष सदा ही उतने ही तप शीलवान गंभीर हुए।


जीवन जीने की यही कला ये वृक्ष सिखाते हमें सदा, 

पर यदि ये न रहे इस अवनी पर तो मानव का भी

अस्तित्व कहां, मानव का भी अस्तित्व कहां ?


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