राष्ट्रप्रेम
राष्ट्रप्रेम
नव उम्मीदें नव आशाएं,
अंबर के उदयित दीप्ति भाल पर नई लालिमा छाई है;
यह नवीन युग का भारत है परिवर्तन की उर्मि आई है।।
हे आर्यवर्त भारत भूमि नमन तुम्हें मैं करता हूं,
जिस मातृभूमि पर जन्म लिया वंदन उसको मैं करता हूं।
देखें तेरा इतिहास स्वर्णमय या वर्तमान की बात करें।
बस चाह यही मन में अपने मां नित् तेरा ही जय गान करें।
तेरा भविष्य उज्जवल करने की सौगंध हम सब ने खाई है।।
यह नवीन युग का भारत है………
युग युग से विश्व गुरु है तू
अब विश्व विजय हम बनाएंगे।
जन जन के मन में देश प्रेम की नई चेतना लाएंगे;
आंखों में अपनी ज्वालाएं भर हर शत्रु से लड़ जायेंगे,
हम युवा शक्ति सीमा रक्षक सैनिक से बन जाएंगे;
अब तेरे भविष्य की स्वर्ण लकीरे अपने हाथों में आई है।।
यह नवीन युग का भारत है……