ये बरसात भी कुछ अजीब हो जाए
ये बरसात भी कुछ अजीब हो जाए
इस बार ये बरसात भी कुछ अजीब हो जाए,
जो कुछ दूर है मुझसे आज करीब हो जाए,
कभी तो मिले मुझसे भी ये जिन्दगी हँस कर,
काश मेरा भी ऐसा नसीब हो जाए।
बरसात की इन बूंदों में भीग कर,
दिल खुशियों से अमीर हो जाए,
और वो जो नफरतों के अमीर हैं
आज सब फकीर हो जाएं।
किसी आंख में न कोई आने दे आंसू,
काश! इंसान का ये दस्तूर हो जाए।
छुप छुप कर मैं भी तुझे जी लूं ऐ जिंदगी,
कोई ऐसी तरकीब हो जाए,
कभी मुझे देख वो भी मुस्कुरा दे
मेरे आइने की ऐसी तहजीब हो जाए।।
कभी तो मिल मुझसे भी हंस कर ऐ जिन्दगी,
काश मेरा भी ऐसा नसीब हो जाए।।
