आज़ादी दिवस
आज़ादी दिवस
आज आया दिवस आज़ादी का कितना सुकून मन को ,
मिलता ना सुनकर यह शब्द आज़ाद जहां देखो,
लहराता हमारे भारत का झंडा गाए जाते आज़ादी के गीत,
याद आता वो समय जब सब कुछ इधर उधर था हो गया,
बिछड़ गए थे किसी के परिवार किसी के मीत, जिनके परिवार से, फौजी लड़ाई पर गए वो युद्ध वो लड़ाईं, वो समा,
आज भी बेचैन करता मैं जब भी विद्यालय में इस दिन, देशप्रेम के गीत गाती तो आंखें नम मेरी हो जाती,
हमारे भारत और भारतीय होना सिर्फ पहचान ही नहीं, बल्कि,
हमारे लिए वो सांस है जो मैंने पहली बार ली जब आज़ाद होने के बाद जन्म हुआ नहीं तो आज भी कयीं लोग अपनी पहचान के लिए ही लड़ रहे एक जंग मुझे तो हर त्योहार इस दिवस से एक अलग ही रंग का लगता मैंने लगा लिया चेहरे पर वो सांसों में आजाद का यह पाक रंग अब सब रंग अच्छे लगते,
और बाकी कोई और रंग ना भाता हमारे सैनिकों की सरहद पार रक्षा करना इतनी सी प्रार्थना है ओ मेरे विधाता ओ मेरे विधाता।
