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Kadambari Gupta

Abstract

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Kadambari Gupta

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बर्फ सारी

बर्फ सारी

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अबकी बार कैसी सर्दी पड़ी

जम गई मेरी घड़ी भारी हो गई


बर्फबारी की दुरदर कुछ दिख नहीं

रहा कौन क्या कहता सुनाई नहीं दे रहा


वो गरीब लोग जो सड़क पर रहते

उनकी पीड़ा तो मुझसे कहीं अधिक


कैसे कर रहे होंगे गुज़ारा बर्फ बारी

ने रास्ते सारे देखो रोक दिये लोगों ने


गवाई अपनी जान कही परिवार वालों

का जीवन मौत के मातम में झोंक दिये

मौत के मातम में झोंक दिये।


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