आज की नारी
आज की नारी
आज की नारी है
जो सब पर भारी है
अगर सोचते ही आश्रित पुरुषों पर है
यह गलत सोच हमारी है।
जो आज की नारी है
यह सब पर भारी है
करते हैं आभार वयक्त
इनका पूरा पुरुष समाज इनका आभारी है।
आज की जो नारी है
वह सब पर भारी है
अंतरिक्ष में भी गाड़ दिए हैं झंडे
स्पाइसजेट की भी सवारी है
आज की नारी है और सब पर भारी है।
