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Rekha Malhan

Romance

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Rekha Malhan

Romance

आज के दोहे

आज के दोहे

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बारिश जीवनदायिनी, माने सम जहान।

मक्का-बाजरा -धान की, फसलें लगे महान।।1।।


सूखी धरा पुकारती, बरसो-गरजो मेघ।

प्यासे पशु -डंगर हैं, अब तो बरसो मेघ।।2।।


रिमझिम बदरिया बरसे, सजनी हृदय आग।

साजन मनवा भी तरसे, चंचल चित्त मत भाग।।3।।


देख सावन की ये झड़ी , गौरी गाये गीत।

मनवा मिलन को तरसे, आन मिलो मनमीत।।4।।


बदरी को देख मयूरी , करत आर्द्र पुकार।

अँखियों से नीर झरे, माने न जिय हमार।।5।। 




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