आज के दोहे
आज के दोहे
बारिश जीवनदायिनी, माने सम जहान।
मक्का-बाजरा -धान की, फसलें लगे महान।।1।।
सूखी धरा पुकारती, बरसो-गरजो मेघ।
प्यासे पशु -डंगर हैं, अब तो बरसो मेघ।।2।।
रिमझिम बदरिया बरसे, सजनी हृदय आग।
साजन मनवा भी तरसे, चंचल चित्त मत भाग।।3।।
देख सावन की ये झड़ी , गौरी गाये गीत।
मनवा मिलन को तरसे, आन मिलो मनमीत।।4।।
बदरी को देख मयूरी , करत आर्द्र पुकार।
अँखियों से नीर झरे, माने न जिय हमार।।5।।

