आज का समाज चाहता है कि फिर से राम राज्य हो मगर राम बनाना कोई नहीं चाहता
आज का समाज चाहता है कि फिर से राम राज्य हो मगर राम बनाना कोई नहीं चाहता
कहना बहुत आसान है और हम कल्पना भी कर सकते हैं कि अगर रामराज्य फिर से आये तो ऐसा लगेगा मगर आज के मानव का नजरिया है कि समाज बदल जाये मैं ना बदलू,
इसी दृष्टिकोण की बजह से आज के इस कलयुग में हम केवल कल्पना ही कर सकते हैं सोच हमें बहुत छोटा बनाती जा रही है कहीं ना कहीं हम भी छोटे हो गए हैं क्यों कि हम चाहते हैं कि हमें चारों तरफ से वाह वही और इज्जत मिले मगर किसी को जब सम्मान दोगे तो आपको भी खुदब खुद सम्मान मिलेगा !
रामराज्य आएगा मगर इसके लिए हमें सबसे पहले खुद को बदलना पड़ेगा नारी को सम्मान, बुजुर्गो को सम्मान वा उनकी सुरक्षा और अपने कर्तव्यों का परिवार के लिए निर्वहन ! ये आज की सबसे पहली प्राथमिकता है,
अहंकार का विनाश कर मन में प्रेम की ज्योति के साथ समाज का उत्थान करने की सोच अगर आप रखते हैं तो रामराज्य सम्भव है अन्यथा नहीं !
रामायण ने हमें बहुत कुछ सिखाया है मगर जरूरी ये है कि उसमें से कितना अपने जीवन में लागू किया है आप खुद को ही जरा नंबर देकर देख लो
मगर हम खुद नंबर नहीं देंगे दूसरों को ही दे सकते हैं
जिस दिन हमने खुद का आकलन करना सीख लिया समझ लेना रामराज्य आ सकता है
हो सकता है कि मेरा लेख आपको थोड़ा कड़वा लगे मगर सच का स्वाद तो आप जानते ही हैं।