आज का सच
आज का सच
रात अँधेरी होती है।
किन्तु इतनी अंधेर भरी ?
काल क्रूर होता है।
किन्तु इतना बीभत्स ?
आदमी गिर सकता है।
मगर इतना नीचे ?
सच है, सच कल्पना से अधिक
विचित्र होता है।
रात अँधेरी होती है।
किन्तु इतनी अंधेर भरी ?
काल क्रूर होता है।
किन्तु इतना बीभत्स ?
आदमी गिर सकता है।
मगर इतना नीचे ?
सच है, सच कल्पना से अधिक
विचित्र होता है।