Manju Saini

Tragedy

4  

Manju Saini

Tragedy

:अतीत के पन्नें

:अतीत के पन्नें

2 mins
313



     आज भी अतीत के पन्नें पलटती हूँ तो...

     मेरे पापा मुझे आज भी बहुत याद आते हैं।


मेरे लिए धरती पर मेरे भगवान हुआ करते थे

मेरे परिवार का आधार मेरे पापा हुआ करते थे

उनसे ही घर में खुशियों के अंबार हुआ करते थे

मेरी तो हर परेशानी में वो आगे खड़े हुए करते थे।


     आज भी अतीत के पन्नें पलटती हूँ तो...

      मेरे पापा मुझें आज भी बहुत याद आते हैं।


दिन में खुशियों की शुरुआत उनसे ही हुआ करती थी

कोई भी होती दिक्कत तो उनको बताया करती थी

और उनके प्यार की छाया को सदा साथ पाया करती थी

उनके स्नेह तले हरदम खुशियाँ मेरे पास रहा करती थी।


      आज भी अतीत के पन्नें पलटती हूँ तो...

      मेरे पापा मुझें आज भी बहुत याद आते हैं।


आज न जाने कहाँ खो गए हैं वो दिन

भूल नहीं पाती आपका हमें छोड़कर जाने वाला दिन

कभी तो देखनें आओ बेटी को चुन लो बस एक दिन

आपकी गोदी में सिर रख रोयेगी आपकी बेटी उस दिन

कितना अभागा हुआ मेरे लिए वो १६ दिसंबर वाला दिन।


      आज भी अतीत के पन्नें पलटती हूँ तो...

      मेरे पापा मुझें आज भी बहुत याद आते हैं।


सोच कर आज भी सिहर उठती हैं बेटी आपकी

क्या जाते वक्त भी याद नहीं आई बेटी आपकी

न जानें क्यों आज भी रह नही पाती हैं बेटी आपकी

आज भी हरपल याद करती हैं आपको बेटी आपकी।


      आज भी अतीत के पन्नें पलटती हूँ तो...

       मेरे पापा मुझें आज भी बहुत याद आते हैं।

     


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy