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Manju Saini

Tragedy

4  

Manju Saini

Tragedy

शीर्षक:आखिर कब तक

शीर्षक:आखिर कब तक

2 mins
248



स्त्री कदम कदम छली जाती रही है 

कल भी छली जाती थी बदस्तूर आज भी

एक दिन जुए में हारी गई थी और नतीजतन

फिर भरी सभा घसीटी भी गई थी

उसकी हँसी को नाम देकर शासन लोभ में 

रच दिया गया महाभारत चिरकाल तक


दंश झेलने को जीवन पर्यन्त न जाने क्यों..?

स्त्री कदम कदम छली जाती रही है 

कल भी छली जाती थी बदस्तूर आज भी

एक वहसीपन ने दोष मंढ दिया माँ सीता पर

हरण कर लक्ष्मण रेखा पार करने पर

पवित्र थी सतीत्व था फिर भी क्यों

देनी पड़ी अग्नि परीक्षा माँ जानकी को


दंश झेलने को जीवन पर्यन्त न जाने क्यों..?

स्त्री कदम कदम छली जाती रही है 

कल भी छली जाती थी बदस्तूर आज भी

श्रापित क्यों हुई माता अहिल्या

क्यों सतीत्व को चला गया था तब भी उनके

पत्थर होकर सह जाती है आपकी लाज को

मलिन कर दिया जाता रहा है स्त्री के सतीत्व को


दंश झेलने को जीवन पर्यन्त न जाने क्यों..?

स्त्री कदम कदम छली जाती रही है 

कल भी छली जाती थी बदस्तूर आज भी

आज भी वही फिर से हुआ मणिपुर में

देश की बेटियों को नग्न कर घुमाया गया

क्यों ये दरिंदगी हो जाती है सभी के सामने

आखिर क्यों नोंच दिया गया उनके अस्तित्व को।



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