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GUDDU MUNERI "Sikandrabadi"

Tragedy

5.0  

GUDDU MUNERI "Sikandrabadi"

Tragedy

आज का भारत

आज का भारत

1 min
314


ये रोती हुई जिन्दगी 

मायुस चेहरो की झुर्रीयां 

ए हुकुमत-ए-सरकार 

ये सब मुझे नही चाहिए,


मुझे पहले वाला भारत दे दो 

मुझे मेरा हँसता वतन चाहिए 


धार्मिक मुद्दो की लड़ाई 

असमाजिक तत्व का बिखेरा 

मुझे नही चाहिए नही चाहिए,


लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था 

आर्थिक संकट के पहरे 

नीलाम होती जमीने 

ए हुकुमत-ए-सरकार 

ये सब मुझे नही चाहिए,


मुझे पहले वाला भारत दे दो 

मुझे मेरा खिलखिलाता वतन चाहिए


इंसानी पीढ़ी असमर्थ है 

पीढ़ी से पीढ़ी बचाने मे 

नई सुविधा कर्जे वाली है

लुटता हुआ भारत बनाने को

मुझे नही चाहिए नही चाहिए,


निर्दोषो की गिरफ्तारी 

न्याय का नही कोई पुजारी 

भीड़ मे दबा-कुचला सा राही

ये डगमगाते कानूनी कदम 

मुझे नही चाहिए नही चाहिए,


दूजे कंधे पर रखी बंदूक 

सूखी जमीं पर तैरते भूखे मगरमच्छ 

मुझे नही चाहिए नही चाहिए,


कपड़ो से होती पहचान 

रंग-बिरंगे लहराते ध्वज 

अनगिनत विरोध लिखती स्याही 

ए हुकुमत-ए-सरकार 

ये सब मुझे नही चाहिए,


हर समुदाय व देश का प्रतिक 

मुझे मेरा तिरंगा लौटा दो 

और कुछ नही चाहिए 

मुझे पहले वाला भारत दे दो 

मुझे मेरा हँसता वतन चाहिए।


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